Saturday, April 27, 2024
Follow us on
-
विशेष

1 मई मजदूर दिवस विशेष

-
प्रीति शर्मा "असीम " | May 01, 2020 08:21 PM
मजदूर
 
 कभी इंटे उठाता।
 कभी तसले ,
मिट्टी  के भर -भर ले जाता।
 
 पीठ पर लादकर ,
 भारी बोझे,
 वह चंद सिक्कों के लिए ,
एक मजदूर ,
कितना मजबूर हो जाता।
 
ना सर्दी ,
ना गर्मी से घबराता।
मजबूरी का ,
फायदा ठेकेदार उठाता।
 
इतने पैसे ......नहीं मिलेंगे।
मन मारकर ,
जो देना है ..........!!!!!!!!
दे दो मालिक ,
कह कर चुप रह जाता।
 
 मजदूर अपनी,
 मेहनत का ,
 आधा हिस्सा भी ना पाता।
 कितना मजबूर होकर रह जाता।‌।
 
 
 
 
-
-
Have something to say? Post your comment
-
और विशेष खबरें
उप राजिक मोहर सिंह छींटा सेवानिवृत वन चौकीदार से BO बनने तक का संघर्षपूर्ण सफर । नाम सक्षम ठाकुर योगा में हिमाचल और परिवार का नाम कर रहा ऊँचा विदेश से नौकरी छोड़ी, सब्जी उत्पादन से महक उठा स्वरोजगार सुगंधित फूलों की खेती से महकी सलूणी क्षेत्र के किसानों के जीवन की बगिया मौत यूं अपनी ओर खींच ले गई मेघ राज को ।हादसास्थल से महज दो किलोमीटर पहले अन्य गाड़ी से उतरकर सवार हुआ था हादसाग्रस्त आल्टो में । पीयूष गोयल ने दर्पण छवि में हाथ से लिखी १७ पुस्तकें. शिक्षक,शिक्षार्थी और समाज; लायक राम शर्मा हमें फक्र है : हमीरपुर का दामाद कलर्स चैनल पर छाया पुलिस जवान राजेश(राजा) आईजीएमसी शिमला में जागृत अवस्था में ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपेरशन किसी चमत्कार से कम नहीं लघुकथा अपने आप में स्वयं एक गढ़ा हुआ रूप होता है। इसे यूँ भी हम कह सकते हैं - गागर में सागर भरना
-
-
Total Visitor : 1,64,73,279
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy