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कविता

लोक व्यवहार

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प्रीति शर्मा असीम | July 03, 2020 05:59 PM

लोक व्यवहार /नेग रिवाज

लोक व्यवहार /नेग रिवाज,
यहां खुशियां लाते हैं ।

कई बार आमदनी के कारण,

इंसान की हैसियत घटाते है।

लोक व्यवहार/ नेग रिवाज,
समाज के सभी वर्गों में ,
रीस /चलन को बढ़ाते है।

जिनके पास आमदनी नहीं होती।

वह कर्ज लेकर इसे निभाते हैं।

लोक व्यवहार /नेग रिवाज ,
यहां खुशियां लाते है।

कुछ लोग दिखावे में ,
इस कदर अंधे हो जाते है।

बेटी को देने के लिए ,
खरीदी हुई खुशियों से ,
बेटी के जीवन का ,
सौदा कर जाते है।

लोक व्यवहार/ नेग रिवाज
यहां खुशियां लाते है।

कुछ लोग लालच से ,
इतने भर जाते हैं ।
लोक व्यवहार/ नेग रिवाजों को ,

अपने लालच के लिए,
समाज में,
दोहरी मानसिकता भर जाते है। 

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