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कविता

वंदे मातरम

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प्रीति शर्मा असीम | August 15, 2020 03:53 PM

*वंदे मातरम्*

वन्दनीय माँ भारती,वन्दनीय यह देश।
वन्दनीय जनता सकल,वन्दनीय शिव वेश।।

माँ के चरणों में लिपट,मातृ भक्ति का भाव।
सदा जगओ हृदय में,विकसित करो स्वभाव।।

मातृ भूमि को नमन कर,कर इसका सम्मान।
रक्षा करना रात-दिन,बनकर सैन्य जवान।।

मातृ भूमि की खा कसम,बनो राष्ट्र का भक्त।
राष्ट्र विरोधी ताकतों,को करना अब पस्त ।।

राष्ट्रवाद का ध्वज लिये,दुश्मन को ललकार।
दुश्मन देशों पर चढो,ले राफेल-तलवार।।

आगे ही बढ़ते रहो,मार उसे भरपूर।
चीन और नापाक को,कर दो चकनाचूर।।

अतिशय इच्छा शक्ति दृढ़,आक्रामक संकल्प।
से ही बढ़ना है त्वरित ,नहिं कुछ और विकल्प।।

वन्दनीय माँ का सदा,करते रहना ख्याल।
माँ की रक्षा पर नहीं,कुछ भी उठे सवाल।।

माँ हम सबकी अस्मिता,माँ से हम खुशहाल।
करना है नाकाम अब,दुश्मन की हर चाल।।

*वंदे मातरम्*

रचनाकार:डॉ0रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801

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