याद आ रहा है वो बचपन का जमाना
स्कूल से भीगे बस्ते के साथ घर आना
आते-आते रास्ते में मित्रों संग खूब मजे करना
पानी में रखकर पैर छपाक से एक दूसरे पर उड़ाना
छतरी तो तोड़ देती थी हवा शायद उसको भी पता था
ये बचपन का जमाना फिर नहीं आएगा
इसीलिए तुम आज ही जमकर मौज मनाना
याद आ रहा है वो बचपन का जमाना