कविता
वह अकेला गाछ ; अनिता रश्मि
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ब्यूरो हिमालयन अपडेट 7018631199 | March 03, 2022 08:51 PM
अनिता रश्मि
जो गया है बच
विकास के रास्ते में बाधा डाल
अकेले वहाँ है खड़ा
खूँटे सा
जड़ें गहरी जमाए हुए
जान गया है अब,
उसके दिन भी निकट हैं
आँधी में वह भी
उखड़ जाएगा
नहीं!...
उखाड़ दिया जाएगा
वह अकेलेपन से लड़ता हुआ
मौत की अंतिम आहट
रहा है सुन
इंतजार करता हुआ
...कब ?
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