नवरात्र का प्रथम दिन आज
पूर्ण सकल मंगल हो काज
माता रानी आज पधारी
हर्षित मन जाऊँ बलिहारी
लाओ दीप, धूप ,फूल माल
आरती के सजाओ थाल
माता रानी की देखो सवारी
कैसी अद्भुत छटा है न्यारी
तन पर सजे चुनर लाल
गले रक्तपुष्प फूल माल
हाँथ शंख, चक्र और भाल
हे माँ तुम्हरा रूप विशाल
शक्ति प्रचंड करे सिंह सवारी
हर लो माँ सब विपद हमारी
आया नव वर्ष है नव उल्लास
वर दो माँ हो सुख शांति का वास
हे अष्टभुजा त्रिभुवन सुंदरी प्यारी
करो कष्ट दूर सुनो विनती हमारी....
करो कष्ट दूर सुनो विनती हमारी.....