शिमला,
एनएसयूआई की प्रदेश इकाई ने निजी विश्वविद्यालयों द्वारा फ़र्ज़ी डिग्री बेचने के विरोध में प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। प्रदेश अध्यक्ष छत्तर ठाकुर ने कहा कि यूजीसी ने प्रदेश सरकार को पहले ही पत्र लिख कर सोलन की मानव भारती यूनिवर्सिटी और शिमला की ऐ.पी.गोयल यूनिवर्सिटी द्वारा पिछले करीब 7-8 वर्षों में 5 लाख से भी अधिक फ़र्ज़ी डिग्रियां बनाकर बेचने बारे सूचित कर दिया था। इसके बावजूद भी सरकार ने कोई कड़ा कदम नहीं उठाया। ये सारा प्रकरण सरकार के नज़दीकी लोगों का इस घोटाले में संलिप्त होने की कड़ी पुष्टि करता है। छत्तर ठाकुर ने कहा कि 2012 से पूर्व प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा एनएसयूआई के लाख विरोध के बावजूद भी राज्य में अंधाधुन्द प्राइवेट यूनिवर्सिटियाँ खोली थी। कुल 18 निजी विश्वविद्यालयों में से 8 तो जिला सोलन में ही खोल दी गयी थी। छत्तर ठाकुर ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इन दोनों निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता रद्द कर दी जाए और इस घोटाले में जो भी लोग शामिल है उन्हें जल्द से जल्द सलाखों के पीछे डालने की मांग की। प्रदेश संगठन महासचिव मनोज चौहान ने कहा कि एनएसयूआई इन्ही फर्जीवाड़ों की आशंका के चलते शुरू से ही शिक्षा के निजीकरण के विरुद्ध आवाज उठती आ रही है। इस फर्जीवाड़े ने देशभर में हमारी देवभूमि को शर्मसार कर दिया। मनोज चौहान ने प्रदेश सरकार से निजी विश्वविद्यालय शिक्षा विनियामक आयोग के अधिकारियों पर भी कार्यवाही की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष छत्तर ठाकुर ने सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर जल्द ही दोषियों पर कठोर कार्यवाही न हुई तो प्रदेशभर के छात्रों को लामबद्द करते हुए एनएसयूआई द्वारा पूरे राज्यों के महाविद्यालयों पर उग्र प्रदर्शन होगा। और जरूरत पड़ने पर प्रदेश सचिवालय व मुख्यमंत्री का घेराव करने से भी एनएसयूआई नहीं चूकेगी।