शिमला,
छात्र अभिभावक मंच के बैनर तले निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक शिक्षा निदेशालय के बाहर एकत्रित हुए व स्कूल की टयूशन फीस में 55 प्रतिशत फीस बढ़ोतरी को वापिस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान अभिभावक शिक्षा निदेशक से अपनी मांगों के संदर्भ में बातचीत करना चाह रहे थे परंतु अभिभावकों को देख कर शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने कार्यालय के दोनों गेट बंद कर दिए। इस पर अभिभावक उग्र हो गए व उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति ज़ाहिर की। मंच के संयोजक विजेंदर मेहरा ने कहा कि सुबह साढ़े ग्यारह बजे अभिभावक शिक्षा निदेशालय परिसर के बाहर एकत्रित हुए व जोरदार नारेबाजी की। वे निदेशक से मुलाकात करने की मांग करते रहे परन्तु निदेशक कार्यालय के अधिकारियों ने दोनों गेट बंद कर दिए। इस से अभिभावक भड़क गए व प्रदर्शन करते रहे। जब निदेशक ने स्वयं मुख्य गेट पर आकर बातचीत करके दयानंद स्कूल व अन्य स्कूलों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया तब जाकर ही मंच ने प्रदर्शन समाप्त किया। उन्होंने शिक्षा निदेशक से मांग की है कि वह तुरन्त
व अन्य सभी निजी स्कूलों के मामले में हस्तक्षेप करें व पांच दिसम्बर 2019 की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना को लागू करवाएं। यह अधिसूचना वर्ष 2019 में जारी हुई थी व इसमें स्पष्ट किया गया था कि वर्ष 2020 व उसके तत्पश्चात कोई भी निजी स्कूल अभिभावकों के जनरल हाउस के बगैर कोई भी फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकता है। है। उन्होंने चेताया है कि अगर यह फीस बढ़ोतरी वापिस न ली गयी तो छात्र अभिभावक मंच शिक्षा निदेशालय पर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेगा व चौबीस घण्टे का महापड़ाव करने के लिए विवश होगा।